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आज समाज में नैतिकता के गिरते स्तर को देखकर शिक्षा के मंदिरों, माँ सरस्वती के आराधना स्थलों में नीति परक शिक्षा की महत्ता अत्यधिक बढ़ गई है। वास्तव में सीखना सन्दर्भों से जुडी प्रक्रिया है।
कबीर, लाओत्से, और सुकरात जैसे अनूठे प्रज्ञा पुरुष स्वयं को अज्ञानी घोषित करते रहे जबकि सारी दुनिया के लोग खुद को ज्ञान का दावेदार, विद्वान एवं पंडित घोषित करते हैं एवं राजकीय सम्मान की दौड़ में लगे रहते हैं।  यह विचारणीय है। किताबों, शास्त्रों, एवं ग्रंथों से प्राप्त ज्ञान जो सूचनात्मक है वह एक कोटि का है, जबकि मन मस्तिष्क को बोध से भर देने वाला ज्ञान जो स्वाध्याय का परिणाम है वह दूसरी कोटि का है।
कंठस्त ज्ञान संवेदना में क्षीर्ण होता है जबकि आत्मस्थ ज्ञान नीति एवं संवेदना से भरपूर।
वस्तुतः शिक्षा जानकारियों का ढेर नहीं अपितु चरित्र निर्माण की प्रक्रिया है   . अतः शिक्षा में मूल्यों का समावेश होना ही चाहिए।  शिक्षा ज्ञान के कपाट खोलती है परन्तु मूल्यपरक शिक्षा ह्रदय का परिमार्जन करती है।  शिक्षा प्रतिस्पर्धा में प्रस्तुतीकरण एवं दक्षता सिखाती है परन्तु मूल्य आधारित शिक्षा अभूतपूर्व पूर्णत्व की ओर ले जाती है जहाँ मनुष्य स्वयं से प्रतिस्पर्धा करता है। 
आज के इस युग में यह बेहद शर्म और दुःख की बात है के हमारे युवा अपनी मातृभाषा से दूर होते जा रहे हैं इतने दूर के अपनी ही  मातृभाषा में अपने विचार प्रकट करना उनके लिए कठिन हो गया है।  कैसी विडम्बना है ! पाश्चात्य पिंजरे में कैद युवा यह नहीं समझ पा रहा है की आज़ादी की कुंजी अपनी भाषा अपनी संस्कृति है।
इस ब्लॉग के माध्यम से हमारा यही उद्देश्य है के युवा थोड़े बहुत ही सही अपनी भाषा और सांस्कृतिक मूल्यों के करीब आ सकें।
यहाँ प्रकाशित लेख छात्रों और युवाओं को लेखन और पाठन की और प्रेरित करने के उद्देश्य से, मेरे द्वारा और कई आप ही के जैसे युवा लेखकों के द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए हैं।  आप से अनुरोध है की इन्हे सीधे नक़ल कर लेने के बजाय एक रिफरेन्स की तरह उपयोग करें।

युवाओं के व्यक्तित्व के विविध पहलुओं में छिपी मुलयपरक सृजनात्मकता  को अभिव्यक्त करता हुआ यह ब्लॉग " एस्से इन हिंदी   "
समर्पित करते हुए मै स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूँ क्योंकि सृजन के अंतरंग में इच्छा शक्ति की चेतना जाग्रति छिपी है। 
  इस संयुक्त प्रयास में सहभागी सभी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष सहभागियों के हम हमेशा आभारी रहेंगे।

           हम अपनी इस मौन कलम से, एक नया इतिहास लिखेंगे।
           मुक्त चांदनी की आभा से आलोकित आकाश लिखेंगे।

आप सभी के मूलयवान सुझाव और कीमती लेख सादर आमंत्रित हैं आप अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में या ईमेल द्वारा भेज सकते हैं।
अपने लेख आप ahteshamhashmi0@gmail.com पर अपने नाम और डिटेल्स के साथ भेज सकते हैं।

धन्यवाद। 

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