Hindi

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है भव्य भारत ही हमारी मातृभूमि हरी भरी।
 हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा और लिपि है नागरी।

संसार में मानव भाग्यशाली है जिसे भाषा का वरदान मिला है, जिसके द्वारा वह अपने भावों को व्यक्त कर सकता है।  साहित्य, कला, और विज्ञानं को दर्शाने का आधार है भाषा।  किसी भी राष्ट्र के निवासिओं में राष्ट्रिय एकता की भावना के विकास के लिए एक ऐसी भाषा अवश्य होना चाहिए जिसका व्यवहार राष्ट्रिय स्तर पर किया जा सके।
राष्ट्रभाषा देश का प्रतीक होती है।  मान सम्मान और गौरव होती है।
किसी भी देश में अगर उन्नति प्राप्त करनी है तो राष्ट्र भाषा का सम्मान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी आज जिस रूप में जानी जाती है वह उसका विकसित रूप है।  उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली आदि. क्षेत्रों में हिंदी का प्रयोग किया जाता है।  यहाँ के निवासिओं की मातृभाषा हिंदी है।  इसलिए इन राज्यों को हिंदी भाषी क्षेत्र कहा जाता है।  इन राज्यों में हिंदी की अनेक बोलियाँ विद्यमान हैं।
पंजाब, गुजरात, तथा महाराष्ट्र राज्यों में हिंदी को द्वितीय भाषा का दर्ज़ा प्राप्त है।
भारत के सभी राज्यों में हिंदी का प्रयोग संपर्क भाषा के रुप में किया जाता है।  सम्पूर्ण भारतवर्ष तथा कुछ देशों इसके अध्ययन की व्यवस्था है।
ज्ञान-विज्ञानं, वाणिज्य, शिक्षा-माध्यम तथा तकनीकी विषयों का अध्ययन भी हिंदी भाषा के माध्यम से हो रहा है।
हिंदी आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचलन में है।  नेपाल, सूरीनाम, कैनाडा, इंग्लैंड ityadi


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